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Human Eye

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 Human Eye The human eye is a remarkable and complex organ responsible for vision, allowing us to perceive the world around us. It collects and processes light, converting it into electrical signals that are interpreted by the brain as visual images. Here's a detailed description of the eye's anatomy and its main components: Anatomy of the Eye: External Structures: 1. Eyebrows: The eyebrows are located above the eyes and serve to prevent sweat and other particles from falling into the eyes. They also play a role in nonverbal communication and facial expressions. 2. Eyelashes: Eyelashes are situated at the edges of the eyelids and help protect the eyes by sensing and reducing the amount of light, dust, and debris that enters. 3. Eyelids (Palpebrae): The upper and lower eyelids cover and protect the front of the eye. They also help distribute tears over the surface of the eye, keeping it moist and clean. 4. Conjunctiva: A thin, transparent membrane that covers the front

मार्क्सवादी दृष्टिकोन: बी.आर. अम्बेडकर

 मार्क्सवादी दृष्टिकोन: बी.आर. अम्बेडकर मार्क्सवाद विचारधारा एक व्यापक सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक प्रणाली है जो विभिन्न भूमिकाओं में महत्वपूर्ण अंश रखती है। यह दृष्टिकोन कार्ल मार्क्स और फ्रेड्रिक एंगेल्स द्वारा विकसित किया गया था और विश्व भर में समाजवाद और विश्वविद्यालयी चिंतन का महत्वपूर्ण स्रोत है। भारतीय समाज और राजनीति में मार्क्सवाद का प्रभाव सामान्यतया दक्षिण एशिया के अन्य देशों की तुलना में कम है, लेकिन बी.आर. अम्बेडकर के दृष्टिकोन में मार्क्सवादी तत्वों का महत्वपूर्ण योगदान था। आंबेडकर और मार्क्सवादी दृष्टिकोन का सम्बन्ध: 1. आर्थिक न्याय: आंबेडकर को लगता था कि समाजिक असमानता के पीछे मुख्य वजह आर्थिक असमानता थी। वे समझते थे कि भूमि, संसाधन, और समाज के संरचनात्मक संगठन के साथ एक समावेशी रूप से जुड़े हुए हैं। मार्क्सवाद के सिद्धांतों के आधार पर, आंबेडकर ने भूमि सुधार, न्यायपूर्वक आर्थिक वितरण, और नौकरी और शिक्षा के समान अवसरों की प्रोत्साहन के लिए समर्थन किया। इन मुद्दों के सम्बंध में, उन्होंने बड़ी धैर्यवाद और ध्येयवादी नीतियां दी। 2. वर्ग संघर्ष और जाति अत्याचार: आंबेडकर ने म

मार्क्सवादी दृष्टिकोन: बी.आर. अम्बेडकर

मार्क्सवादी दृष्टिकोन: बी.आर. अम्बेडकर बी.आर. अम्बेडकर (1891-1956) भारत में एक प्रमुख सामाजिक सुधारक, न्यायविद् और राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने राष्ट्र के सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वह दलितों (पूर्व में "अंत्यज" के रूप में जाने जाते थे) के अधिकारों की प्रतिष्ठा करने के लिए निरंतर प्रयास करने में प्रसिद्ध हैं। जबकि अम्बेडकर दलित आंदोलन और जातिवाद के खिलाफ लड़ाई से जुड़े हुए हैं, उनके विचार और कार्य भी एक मजबूत मार्क्सवादी परिप्रेक्ष्य को दर्शाते हैं। प्रारंभिक जीवन और शिक्षा: एक दलित परिवार में पैदा होने के बावजूद, बी.आर. अम्बेडकर को समाज में विभेद और सामाजिक अलगाव का सामना करना पड़ा। हालांकि, उन्होंने असाधारण संयम दिखाया और शैक्षिक दृढता से पढ़ाई की। उन्होंने कोलंबिया यूनिवर्सिटी, संयुक्त राज्य अमेरिका, और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, यूके में उच्च शिक्षा प्राप्त की। यह अनुभव उन्हें विभिन्न दर्शनिक और समाज-राजनीतिक विचारों, सहित मार्क्सवाद से भी रूबरू कराया। मार्क्सवादी प्रभाव अम्बेडकर पर: अम्बेडकर को विदेश में रहते समय मार्क्सवाद का प्रभाव

इंडोलॉजिकल परिप्रेक्ष्य - जी.एस. घुर्ये (Indological Perspective - G.S. Ghurey)

इंडोलॉजिकल परिप्रेक्ष्य - जी.एस. घुर्ये जी.एस. घुर्ये, जिनका पूरा नाम गोविंद सदाशिव घुर्ये था (1893-1983), एक प्रमुख भारतीय समाजशास्त्री और मानवशास्त्रीकार थे जिनकी योगदानों से भारतीय समाज और संस्कृति के अध्ययन को महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा। भारतीय समाजशास्त्र में उनके काम ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय समाज और संस्कृति के अध्ययन में एक टिकाऊ प्रभाव छोड़ा। घुर्ये का काम एक इंडोलॉजिकल परिप्रेक्ष्य दर्शाता है, जिससे भारतीय संस्कृति, इतिहास और समाज का अध्ययन स्वदेशी और बाह्य दृष्टिकोन से किया जाता है। प्रारंभिक जीवन और शिक्षा: घुर्ये कोल्हापुर, महाराष्ट्र, भारत में एक छोटे से गांव में पैदा हुए थे। उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय में अपनी शिक्षा की जिसमें सोशियोलॉजी में मास्टर्स डिग्री हासिल की और बाद में डॉक्टरेट भी प्राप्त किया। उनकी शोध और लेखनी में प्राचीन भारतीय पाठ्यक्रम और संस्कृत के प्रति उनकी रुचि साफ थी, जो उनके शोध और लेखन में प्रकट होती थी। शैक्षणिक करियर: जी.एस. घुर्ये का शैक्षणिक करियर विशेषज्ञ समाजशास्त्री के रूप में था। उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र के प्रो

Diagram Booklet For Childhood and Growing Up

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 Diagram Booklet For Childhood and Growing Up💘

General and Environmental aspects of development :- Physical and Motor , Cognitive (Paige and burner) social and emotional (Erickson ) & moral (Piaget , Kholberg )

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General and Environmental aspects of development  ( Physical , Motor , Cognitive ,Social ,  Emotional & Moral ) Page 1 Page 2 Page 3

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